Spinning Top Candlestick Pattern | Candle Stick Series

spinning top candlestick pattern in hindi

spinning top candlestick meaning

स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टीक पैटर्न (Spinning top candlestick pattern) जब मार्केट चार्ट पर बनती है तो यह अनुमान लगाना मुश्किल होता है की मार्केट किस साइड जाएगा ।
मार्केट में यह कैंडल बेयरिश और बुलीश ट्रेंड दोनों को फॉलो करती है ।

अगर यह कैंडल मार्केट में रेजिस्टेंस पर बनती है तो इसका मतलब यह होता है की मार्केट अब मंडी में जाने वाला!
और अगर यही कैंडल मार्केट के सपोर्ट , बॉटम यानी कि मंदी के समय बने तो वहां से ट्रेंड रिवर्सल के संकेत देती है यानी की मार्केट में अब तेजी आने वाली है ।

spintop candle
spinning top candle stick

स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टीक पैटर्न (Spinning top candlestick pattern) की पहचान करना बहुत ही आसान है इसका जो शरीर या बॉडी छोटा होता है तथा इसकी छाया या शैडो लंबी होती है । और साथ में इसकी जो छाया होती है इसके शरीर से दो या तीन गुना बड़ी होती है ।
इसमें रंग महत्वपूर्ण नहीं होता है यह हरि लाल कोई से भी रंग की हो सकती है ।

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candlestick patterns spinning top

1.स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टीक पैटर्न (Spinning top candlestick pattern) के बनने के बाद यह अनुमान लगाना मुश्किल होता है की मार्केट किस तरफ जाएगा।

2.स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टीक पैटर्न (Spinning top candlestick pattern) कैंडल बनने के बाद उसके वॉल्यूम को भी देखना जरूरी होता है उसका वॉल्यूम अधिक होने पर यह मार्केट में रिवर्सल के संकेत देता है
अगर यह रेजिस्टेंस पर बने तो यह मंडी के संकेत देता है ।
और अगर यह सपोर्ट पर बने तो यह तेजी के संकेत देता है साथ में हमें वॉल्यूम को देखना बहुत जरूरी होता है ।

  1. यह एक ऐसा सिंगल कैंडलेस्टिक पेटर्न है जो की मार्केट में तेजी और मंदी दोनों को बतलाता है ।
  2. यह कैंडल हमें सपोर्ट में बनता हुआ दिखाई दे तो यह हमें संकेत करता है की मार्केट में अब तेजी आ सकती है यदि की मंदी के समय जब यह कैंडल बनती है तो मार्केट में तेजी के संकेत होते हैं।
  3. यह कैंडलेस्टिक पेटर्न जब रेजिस्टेंस पर बनता है तो इसका मतलब यह होता है की मार्केट में मंदी का दौर आ सकता है यानी कि जब तेजी के समय कैंडल बनती है तो मार्केट में उलट फेर की संभावना प्रकट होती है।
  4. स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टीक पैटर्न (Spinning top candlestick pattern) मैं रंग महत्वपूर्ण नहीं होता है यह किसी भी रंग की हो सकती है।
  5. इसका शरीर या बॉडी छोटा होता है तथा इसकी शैडो या वीक बड़ी होती है जो कि है इसके शरीर से दो या तीन गुना हो सकती । कभी-कभी हमें यह दो से तीन गुना से भी अधिक बड़ी मिल सकती है ।
  6. स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टीक पैटर्न (Spinning top candlestick pattern) का कंफर्मेशन करने के लिए इसके बाद बनने वाली कैंडल की पहचान करना होता है।
    अगर यह कैंडल सपोर्ट में बनती है तो इसके बाद जो कैंडल बनती है वह एक तो तेजी वाली कैंडल होनी चाहिए साथ ही में उसका जो क्लोजिंग है वह स्पिनिंग टॉप कैंडल के ऊपर होना चाहिए या फिर कभी-कभी स्पिनिंग टॉप कैंडल के बाद बनने वाले कैंडल गैप देकर ऊपर ओपन हो सकती है। और अगर यह सपोर्ट की जगह रेजिस्टेंस पर बने तो अगली बनने वाली कैंडल एक मंदी वाली कैंडल स्टिक पैटर्न में से होनी चाहिए साथी में हमें स्पिनिंग टॉप कैंडल का जो लो होता है उसके नीचे उसकी क्लोजिंग देखनि होती है या फिर कभी-कभी सपोर्ट की तरह ही इसमें कैंडल नीचे की तरफ गैप देकर ओपन होती है ।
  7. स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टीक पैटर्न (Spinning top candlestick pattern) दो प्रकार की हो सकती है 1.बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टीक पैटर्न (Bullish Spinning top candlestick pattern)
    2.बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टीक पैटर्न (bearish Spinning top candlestick pattern)
  8. इसकी जो realiability होती है वह मार्केट में 50% मानी जाती है किंतु हम इसको इंडिकेटर (indicator) और वॉल्यूम (volume) से पहचान करके बढ़ा सकते हैं ।
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जब मार्केट में बायर्स और सेलर्स दोनो मार्केट को मंदी और तेजी में ले जाने का प्रयास करते हैं तो इस कैंडल का निर्माण होता है।

हम इसको एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं
मान लीजिए कोई स्टॉक ओपन हुआ वह उसके ओपनिंग प्राइस से सेलर्स ने उस पर दबाव बनाकर उसको नीचे ले जाने की कोशिश की लेकिन तभी उसे वहां पर बायर्स आए हावी होंगे और उसको ऊपर ले जाने की कोशिश करेगे वह फिर से सेलर्स ने उसको नीचे लाने की कोशिश की और वह ओपन पॉइंट के पास आकर बंद हो गया तो इस स्थिति में एक स्पिनिंग टॉप कैंडल पैटर्न का निर्माण होता है

स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टीक पैटर्न (Spinning top candlestick pattern) मैं कोई सा भी रंग महत्वपूर्ण नहीं होता है यह लाल या हरे रंग की हो सकती है।

स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न में इसकी REALIABILITY की बात करें तो 50% मानी जाती है लेकिन हम इसको इंडिकेटर और वॉल्यूम की सहायता से बड़ा सकते हैं ।

spinning top candle stick volume

इन दोनों में संबंध बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि हमें अगर मार्केट में उलट फेर की पूरी संभावना व्यक्त करनी है तो हमें स्पिनिंग टॉप कैंडल्स बनने के साथ उसकी वॉल्यूम को भी देखना होता है उसकी वॉल्यूम अगर अधिक होती है तभी मार्केट में उलटफेर की संभावना व्यक्त होती है इसलिए इन दोनों में प्रबल संबंध होते हैं।

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स्पिनिंग टॉप कैंडिस्टिक पैटर्न दो प्रकार के होते हैं

1.Bullish spinning top candlestick pattern
2.bearish Spinning top candlestick pattern

bullish spinning top candlestick pattern

बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न में स्पिनिंग टॉप कैंडल जो होती है वह मंदी के समय हमें सपोर्ट पर बनती हुई दिखाई देती है जिससे कि हमें यह संकेत मिलते की मार्केट में उलट पर होने वाला और मार्केट अब तेजी में जा सकता है।

bearish spinning top candle stick pattern

इस प्रकार के कैंडल पैटर्न में स्पिनिंग टॉप कैंडल का निर्माण रेजिस्टेंस पर होता है जो कि हमें संकेत करता है की मार्केट अब मंदी में जा सकता है और मार्केट में उलटफेर होने की प्रबल संभावना है।

आप ऑप्शन ट्रेडिंग करते हो या इन्वेस्टिंग करते हो दोनों में ही इस कैंडलेस्टिक पेटर्न का प्रयोग करके आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं इसके लिए हमे इस कैंडल पैटर्न के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए ।
इससे अच्छा प्रॉफिट कमाने के लिए आपको हम विस्तार से एंट्री स्टॉपलॉस और टारगेट के बारे में बताते हैं

इसमें एंट्री लेना काफी बहुत ही आसान है अगर यह सपोर्ट पर बने तो यह हमें तेजी के संकेत देती है। सपोर्ट पर हमें स्पिनिंग टॉप कैंडल बनने के बाद एक अगली तेजी वाली कैंडल बनने का इंतजार करना है उसका कंफर्मेशन करने के बाद हमें मार्केट में एंटर्ड करना है इसके साथ ही में वॉल्यूम को भी देखना बहुत आवश्यक होता है ध्यान रहे स्पिनिंग टॉप कैंडल के बाद जो अगली कैंडल बनती है उसका भी वॉल्यूम अधिक हो साथी में उसका जो क्लोजिंग पॉइंट है वह स्पिनिंग टॉप कैंडल के हाई के ऊपर होना चाहिए ।
इसके बाद हम मार्केट में एंट्री ले सकते हैं

अगर यह कैंडल रेजिस्टेंस में बने तो हमें मंदी के संकेत देती है ।
स्पिनिंग टॉप कैंडल रेजिस्टेंस पर बनती हुई दिखाई दे तो हमें इसके बाद एक मंदी वाली कैंडल का बनने का इंतजार करना होता है और जो मंदी वाली कैंडल बनती है उसका जो क्लोजिंग पॉइंट होता है वह इसमें स्पिनिंग टॉप कैंडल के लो (low) के नीचे होना चाहिए। इसके बाद हम मार्केट में एंट्री ले सकते हैं।

स्पिनिंग टॉप कैंडिस्टिक पैटर्न में स्टॉपलॉस लगाना बहुत ही आसान होता है इसके लिए हमारे पास दो सिनेरियो या घटनाएं हैं

1.support :- जब यह कैंडल सपोर्ट में बनती है तो मैं इसके दो प्राइस को स्टॉपलॉस लगाना होता है।

2.resistance:- स्पिनिंग टॉप कैंडल जब रेजिस्टेंस पर बनती हुई दिखाई देती है तो हमें इसके हाई प्वाइंट को स्टॉपलॉस लगाना होता है।

  1. जब यह सपोर्ट पर बने तो हम इसके रेजिस्टेंस को देखकर टारगेट लगाते हैं या फिर स्टॉप लॉस से दो या तीन गुना टारगेट लगाना होता है।
  2. जब स्पिनिंग टॉप कैंडल का निर्माण रेजिस्टेंस पर होता है तो तो हमें सपोर्ट को देखकर टारगेट लगाने होते हैं या फिर दो या तीन गुना स्टॉप लॉस से बढ़कर हमें टारगेट लगाने होते हैं ।

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