इवनिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न / Evening Star Candlestick Pattern

evening star candle pattern in hindi

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इवनिंग स्टार कैंडल स्टिक पैटर्न बेयरिश रिवर्सल कैंडलेस्टिक पेटर्न (bearish candle stick) है जो की मार्केट में मंदी को बताता है ।

इस कैंडलेस्टिक पेटर्न का निर्माण रेजिस्टेंस पर होता है चुकी यह ट्रिपल कैंडल स्टिक पैटर्न है तो इसमें तीन कैंडल्स से इस कैंडल स्टिक पैटर्न का निर्माण होता है तथा इसमें रंग महत्वपूर्ण होता है इसमें पहली कैंडल बड़ी बुलिश हरी कैंडल होती है । दूसरी कैंडल डोजी जो की लाल व हरी किसी भी प्रकार की हो सकती है इसके बाद जो तीसरी कैंडल होती है वह एक बेयरिश लाल कैंडल होती है जो की मार्केट में मंदी के संकेत को दर्शाती है ।

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इवनिंग स्टार कैंडल स्टिक पैटर्न में रंग का महत्व बहुत अधिक होता है इस ट्रिपल evening star कैंडलेस्टिक पेटर्न में रंग का क्रम इस प्रकार होना चाहिए

पहली कैंडल : – हरा (Green)
दूसरी। : – हरा (Green) और लाल (Red)
तीसरी कैंडल : – लाल (Red)

इवनिंग स्टार की पहचान :-
1st Candle : बढ़ी बुलिश कैंडल
2nd Candle : – दोजी कैंडल
3rd Candle : – बेयरिश कैंडल

evening star candle stick

इस कैंडल पैटर्न में तीनों कैंडल्स का क्रम और ओपन क्लोजिंग बहुत महत्वपूर्ण है तो इनका कृपया ध्यान रखें जो कि निम्न प्रकार से होंगे :-

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  • इस कैंडलेस्टिक पेटर्न का निर्माण रेजिस्टेंस पर हो तो मजबूत माना जाता है ।
  • इसमें पहले कैंडल बड़ी बुलिश कैंडल होनी चाहिए कि जो की मार्केट में चल रहे अप ट्रेंड को निरंतर बताने का प्रयास करती है ।
  • दूसरी जो कैंडल है पहली कैंडल से गेप-अप (ऊपर) ओपन (open) होनी चाहिए ।
  • दूसरी कैंडल दोजी कैंडल हो सकती है जो की तेजी मंदी वाली किसी भी प्रकार की लाल या हरी रंग की हो सकती है ।
  • तीसरी कैंडल बेयरिश लाल रंग की कैंडल होगी।
    तीसरी जो कैंडल होती है वह दूसरी कैंडल से गेप- डाउन ओपन होनी चाहिए तथा इसका जो क्लोजिंग पॉइंट है वह पहली कैंडल के लो ( low ) और मध्य के बीच होना चाहिए ।

यह एक बेयरिश रिवर्सल कैंडल स्टिक पैटर्न है ।

इवनिंग स्टार ट्रिपल कैंडलेस्टिक पैटर्न की श्रेणी में आता है ।

इसका निर्माण तीन कैंडल्स के बनने से होता है ।

यह लगातार किसी स्टॉक के तेजी में चलने के बाद अंत में बनता है जिसके बाद मार्केट में उसे स्टॉक की मंदी चालू हो जाती है ।

यह अप ट्रेंड (Up-Trend) के दौरान टॉप (top) पर बनता है ।

यह मार्केट में डाउन ट्रेंड ( down-trend) के संकेत देता है ।

इस कैंडल स्टिक पैटर्न बनने के साथ-साथ हम इसकी वॉल्यूम पर भी ध्यान देना चाहिए थी इसकी जो तीसरी जो कैंडल बनती है उसका वॉल्यूम अधिक होना चाहिए साथी उसके बाद जो अगली कैंडल्स बनती है उनका भी वॉल्यूम मंदी के और अधिक होना चाहिए।

इस कैंडलेस्टिक पेटर्न बनने के बाद हमें ट्रेड रिवर्सल के लिए आधुनिक टेक्निकल एनालिसिस भी करनी चाहिए । जैसे : इंडिकेटर ( RSI, MACD) , ट्रेंडलाइन, सपोर्ट, रेजिस्टेंस etc.

इवनिंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न बनने की साइकोलॉजी यह है कि पहले जो मार्केट लंबे समय से तेजी में चल रहा था वह अपनी एक अंतिम चरण सीमा तक पहुंच जाता है उसके बाद मार्केट में एक बड़ी बुल्लिश कैंडल का निर्माण रेजिस्टेंस पर होता है जो की संकेत करती की मार्केट अभी up trend में रहेगा ।

इसके तुरंत बाद जो वह अंतिम चरण सीमा पुस्तक एक दोजी कैंडल बनती है जो कि संदेश करती है कि इस स्थान पर जाकर बायर्स कमजोर पड़ गए हैं और उन्होंने अपने प्रॉफिट को बुक कर लिया है जिससे एक दोजी कैंडल का निर्माण होता है । दूसरे कैंडल में असमंजस की स्थिति बन जाती है बायर्स और सेलर्स दोनों अपना जोर लगाते हैं सेलर्स मार्केट को नीचे ले जाने की कोशिश करते हैं जबकि बाहर जो होते हैं वह पर्टिकुलर स्टॉक को ऊपर अप ट्रेंड को जारी रखने की कोशिश करते हैं जिससे एक दोजी कैंडल का निर्माण हो जाता है ।

इसके बाद सेलर्स रेजिस्टेंस पर जाकर भारी पड़ते हुए दिखाई देते हैं और वह मार्केट को नीचे ले जाने की कोशिश करते हैं जिससे एक बड़ी बेयरिश कैंडल का निर्माण होता है जो की संकेत करती है की मार्केट में बायर्स कमजोर हो गए हैं और सेल्स की संख्या मार्केट में ज्यादा है ।

उपयुक्त स्थितियां बनने के बाद मार्केट मंदी के संकेत दे देता है ।

यह सब कुछ ब्रोकरेज फॉर्म या किसी सूचना के आधार पर होता है जब कोई पार्टिकल स्टॉक अपने हाई पर पहुंच जाता है तो उसको लेवल में लाने के लिए कोई नेगेटिव न्यूज़ उस पार्टिकुलर स्टॉक के बारे में दी जाती है जिससे कि वह मार्केट में डाउन साइड आ सके इसी कारण यह स्थिति पैदा होती है।

trading with evening star

Entry :- इवनिंग स्टार कैंडल स्टिक पैटर्न का लो low ब्रेक होने पर हमें मार्केट में एंट्री लेनी चाहिए यह सही समय होता है मार्केट में इस कैंडलेस्टिक पैटर्न के आधार पर मार्केट में एंट्री लेने का ।

Stoplose :- इवनिंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न में स्टॉप लॉस हमें जो दोजी कैंडल होती है दूसरी उसके हाई के थोड़ा ऊपर स्टॉपलॉस लगाना चाहिए ।

Target : – इसमें टारगेट सपोर्ट को देखकर लगाने चाहिए या फिर जो हमारा स्टॉपलॉस है उससे दो या तीन गुना हमारे टारगेट होने चाहिए साथी में हमें ट्रायल स्टॉप लॉस भी उपयोग में लेना चाइए।

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